7th Central Pay Commission: रेलवे के हजारों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। 2024 में दशहरा से पहले बोनस में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे इन कर्मचारियों को काफी फायदा होगा।
अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे कर्मचारियों का बोनस एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने विशेष रूप से अनुरोध किया कि बोनस गणना के लिए अनुमानित वेतन सीमा को हटा दिया जाए।
न्यूनतम वेतन बढ़ाना एक अहम मुद्दा है हाल ही में रेलवे कर्मचारियों ने
अश्विनी वैष्णव से एक महत्वपूर्ण अनुरोध के साथ संपर्क किया है। पहले, पीएलबी की गणना छठे वेतन आयोग के आधार पर की जाती थी, लेकिन अब सातवां वेतन आयोग लागू होगा। कर्मचारियों ने राष्ट्रीय महासचिव को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है। मांग में कहा गया है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के
अनुसार न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मिलना चाहिए। 2016 से वेतन वृद्धि लागू की जाएगी। अगर यह मांग मान ली जाती है तो न्यूनतम वेतन में करीब 11,000 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। एआईआरएफ से सहायता
एआईआरएफ यानी अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ ने इस मांग का समर्थन किया है। एआईआरएफ का कहना है कि रेलवे कर्मचारी यात्रियों को बेहतर सेवा देने और रेलवे सुरक्षा बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। इसलिए उन्हें बेहतर वेतन और बुनियादी ढांचा मुहैया कराना जरूरी है।
बोनस गणना में बदलाव की मांग
रेलवे कर्मचारियों ने बोनस गणना में बदलाव की मांग की है। 7,000 रुपये मासिक वेतन के आधार पर उनका बोनस 17,951 रुपये बनता है। महासंघ के अनुसार, भुगतान की गणना के लिए 78 दिनों को आधार बनाया जाना चाहिए।
रेलवे कर्मचारियों की जल्द ही सरकार से उनकी इच्छा पूरी हो सकती है। अगर ये मांगें मान ली गईं तो हजारों रेल कर्मचारियों को फायदा होगा। उनके वेतन और बोनस में बढ़ोतरी से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। इससे रेलवे को न सिर्फ फायदा होगा बल्कि दक्षता और सेवाओं में भी सुधार होगा।